नई दिल्ली । किसान नेता
भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों
के मुद्दे पर किसानों के साथ वार्ता करने के लिए नियुक्त समिति से हटने का
फैसला किया है।
कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलनों की समस्या को सुनने के लिए
सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में भारतीय
किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान को भी शामिल किया गया
था। हालांकि, उन्होंने अब समिति छोड़ने का ऐलान किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय
किसान यूनियन ने मान के एक पत्र को ट्वीट करते हुए कहा, "भूतपूर्व सांसद और
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के
अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित चार सदस्यीय
समिति से खुद का नाम वापस ले लिया है।"
इस मुद्दे पर फिलहाल मान की टिप्पणी प्राप्त नहीं हो सकी है।
मान
ने पत्र में कहा है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत शुरू करने
के लिए समिति के सदस्यों में से एक के रूप में नामांकित करने के लिए शीर्ष
अदालत के शुक्रगुजार हैं।
उन्होंने कहा, "एक किसान और एक यूनियन
नेता के तौर पर, किसान यूनियनों और जनता के बीच फैली शंकाओं को ध्यान में
रखते हुए, मैं किसी भी पद का त्याग करने को तैयार हूं, ताकि पंजाब और देश
के किसानों के हितों के साथ समझौता न हो सके। मैं समिति से खुद को अलग कर
रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।"
12 जनवरी को गठित समिति के अन्य सदस्यों में कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और अनिल धनवत शामिल हैं।
--आईएएनएस
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