नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के रेट्स पर एक्साइज ड्यूटी कम नहीं होगी, क्योंकि ये रेट्स उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं कि एक्साइज ड्यूटी कम की जाए। पिछले एक सप्ताह से राज्यों की तेल कंपनियों ने भी पेट्रोल-डीजल के रेट्स रीवाइज नहीं किए हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें 55 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। पेट्रोल के दाम 74.63 रुपए प्रति लीटर और डीजल के 65.93 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुके हैं। यह कहना है आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गर्ग ने कहा कि अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक स्तर तक पहुंच पाती हैं तो एक्साइज ड्यूटी के बारे में सोचा जा सकता है, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है। तेल की कीमतें अभी सरकार का बजट बिगाड़ सकती हैं। इसका सीधा असर एलपीजी के रेट्स पर भी पड़ेगा, जिस पर सरकार सब्सिडी देती है। उन्होंने बताया कि अभी कुकिंग गैस के अलावा किसी कमोडिटी में सीधे तौर पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है।
हालांकि गर्ग ने यह नहीं बताया कि वह स्तर क्या होगा, जिस पर पहुंचने के बाद एक्साइज ड्यूटी कम होने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर दाम नहीं बढ़े तो एक्साइट ड्यूटी कट का कोई सवाल ही नहीं है। पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में एक रुपए भी कम करने पर सरकार को 13 हजार करोड़ रुपए का राजस्व घाटा होगा। बता दें कि तेल के रिटेल दामों में चौथा हिस्सा एक्साइज ड्यूटी का ही होता है।
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