एनआईए के राडार पर अन्य अलगाववादी नेताओं में तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष
मोहम्मद अशरफ खान, आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के महासचिव मसारत आलम, और
जम्मू एवं कश्मीर साल्वेशन मूवमेंट के अध्यक्ष तफर अकबर भट शामिल हैं।
एक
हाईटेक इंटरनेट कम्युनिकेशन सेटअप और कुछ पाकिस्तानी शिक्षण संस्थानों में
प्रवेश के लिए वीजा अनुशंसा से जुड़े दस्तावेजों की जांच अन्य सबूतों में
हैं, जो फारूक और अन्य संदिग्ध अलगावादी नेताओं के संबंध पाकिस्तान स्थित
आतंकी संगठनों से जोडऩे के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अधिकारी के अनुसार, कुछ
संपत्ति दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन की पावतियां, बैंक खातों के विवरण और
लैपटॉप, ई-टैबलेट्स, मोबाइल फोन्स, पेन ड्राइव, कम्युनिकेशन प्रणाली और
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर भी इन सबूतों के हिस्सा हैं, जो इस बात को साबित
करने के लिए पर्याप्त हैं कि ये अलगाववादी नेता इन आतंकवादी समूहों के
सरगनाओं के निर्देश पर राष्ट्रविरोधी अभियानों में संलिप्त रहे हैं।
ये
सबूत 26 फरवरी को जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष,
शब्बीर शाह सहित इन संदिग्ध अलगाववादी नेताओं के आवासीय परिसरों में मारे
गए एनआईए के छापे के दौरान बरामद हुए थे।
(IANS)
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