नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया, जिसमें उन्होंने लोगों से कहा था कि अगर वे चाहते हैं कि वह फिर से जेल न जाएं, तो आम आदमी पार्टी (आप) को वोट दें।
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ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि इस तरह का बयान सीधे तौर पर "सिस्टम पर तमाचा" है। पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे।
एसजी मेहता ने सीएम केजरीवाल के उस भाषण का जिक्र किया, जिसमें आप सुप्रीमो ने कहा था कि अगर लोग "झाड़ू" चुनाव चिन्ह के लिए वोट करेंगे, तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा।
मेहता ने कहा, ''केजरीवाल कहते हैं, 'अगर आप मुझे वोट देंगे तो मुझे दो जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा।' ऐसा कैसे हो सकता है?”
पीठ ने कहा,“हमारा आदेश बहुत स्पष्ट है। हमने टाइमलाइन यानी रिहाई और सरेंडर की तारीखें तय कर दी हैं। हम किसी को कोई छूट नहीं दे रहे हैं।''
एसजी मेहता ने कहा,“उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। यह सिस्टम पर तमाचा है और मैं इस पर आपत्ति जताता हूं।”
इसके जवाब में सीएम केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने उनके मुवक्किल के खिलाफ तरह-तरह के बयान दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों को खुद को कानूनी सवालों तक सीमित रखने के लिए कहा और मामले की सुनवाई शुरू की।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते एक आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को शराब घोटाले के आरोप में एक जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था और उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था।
--आईएएनएस
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