नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
ने शनिवार को कहा कि उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत
सचिन जोशी की एक कंपनी की 380 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने कहा कि उन्होंने दो संपत्तियों को कुर्क किया, जिनमें से एक वर्ली
में है और दूसरी पुणे में है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शुरूआत में औरंगाबाद पुलिस ने फर्म के
खिलाफ मामला दर्ज किया था। औरंगाबाद के सिटी चौक थाने में प्राथमिकी दर्ज
की गई है। बाद में पुलिस ने पाया कि फर्म मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थी।
जानकारी को संघीय धन शोधन रोधी जांच एजेंसी के साथ साझा किया गया था।
अंतत: ईडी ने प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
ईडी ने पिछले साल जनवरी में इस मामले में तलाशी ली थी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे।
ईडी
ने छापेमारी के बाद ओआरडीपीएल के प्रबंध निदेशक बाबूलाल वर्मा, ओआरडीपीएल
के चेयरमैन कमल किशोर और सचिन जोशी को गिरफ्तार किया था।
पिछले साल मार्च में ईडी ने मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष पहली अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर की थी।
ईडी
ने जांच के दौरान पाया कि 410 करोड़ रुपये की ऋण राशि को धोखाधड़ी से
ओआरडीपीएल की एक सहयोगी कंपनी सुराणा डेवलपर्स वडाला, एलएलपी और एफएसआई
द्वारा हासिल किया गया था।
ईडी अधिकारी, "410 करोड़ रुपये में से,
330 करोड़ रुपये की राशि ओमकार समूह की बिक्री भवन में और लगभग 80 करोड़
रुपये की राशि सचिन जोशी और उनकी कंपनियों के समूह के माध्यम से सेवाओं और
निवेश की आड़ में लॉन्ड्री की गई थी।"
अधिकारी ने कहा कि वे मामले की और जांच कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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