नई दिल्ली। भारत में एक अनुबंध को लागू करने में औसतन 1445 दिन लगते हैं, जबकि न्यूजीलैंड में 216 दिन, चीन में 496 दिन लगते हैं। भारत में कर भुगतान में 250 घंटे से अधिक समय लगता है, जबकि न्यूजीलैंड में 140 घंटे, चीन में 138 घंटे और इंडोनेशिया में 191 घंटे लगते हैं। इन मापदंडों में सुधार लाने की जरूरत है। देश ने 10 मानकों में से सात मानकों में प्रगति दर्ज की है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) कानून उन सुधारों की सूची में सबसे ऊपर हैं, जिनके कारण श्रेणी में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। हालांकि भारत कुछ अन्य मानकों यथा कारोबार शुरू करने में सुगमता (श्रेणी 136), सम्पत्ति का पंजीयन (श्रेणी 154), कर भुगतान (श्रेणी 115), संविदाओं को लागू करना (श्रेणी 163) आदि में अभी भी पीछे है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण, 2019-20 पेश की। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता श्रेणी में 79 स्थानों की छलांग लगाई है। भारत 2014 के 142 वें स्थान से 2019 में 63 वें स्थान पर पहुंच गया है।
पिछले 10 वर्षो के दौरान भारत में कारोबार शुरू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या 13 से घटकर 10 रह गई है। आज भारत में कारोबार शुरू करने के लिए औसतन 18 दिन लगते हैं, जबकि 2009 में औसतन 30 दिन लगते थे। हालांकि भारत ने कारोबार शुरू करने में लगने वाले समय और लागत में महत्वपूर्ण कमी की है, लेकिन इसमें और सुधार की आवश्यकता है।
सेवा क्षेत्र को भी अपने दैनिक कारोबार के लिए विभिन्न नियामक अवरोधों का सामना करना पड़ता है। पूरी दुनिया में रोजगार और विकास के लिए बार एवं रेस्तरां को महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। यह एक ऐसा व्यापार है जिसमें कारोबार शुरू करने और बंद होने की आवृत्ति बहुत अधिक होती है। एक सर्वेक्षण बताता है कि भारत में एक रेस्तरां खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंसों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है।
पिछले पांच वर्षो के दौरान भारत ने निर्माण अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। 2014 में निर्माण अनुमति प्राप्त करने में लगभग 186 दिनों का समय लगता था और भण्डारण लागत का 28.2 प्रतिशत व्यय होता था। 2014 की तुलना में 2019 में 98-113.5 दिनों का समय लगता है और भण्डारण लागत का 2.8-5.4 प्रतिशत खर्च होता है।
-- आईएएनएस
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