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दिल्ली के 12 कॉलेजों में आर्थिक संकट, उच्च शिक्षा सचिव ने किया कॉलेजों का निरीक्षण

Economic crisis in 12 colleges of Delhi, Higher Education Secretary inspected the colleges - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज ऐसे हैं जो पूर्णत दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। इन कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन, एरियर, पदोन्नति व स्थाई नियुक्ति की समस्या बनी हुई है। दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक की एक टीम ने इन कॉलेजों की समस्याओं को जानने के लिए कॉलेजों में जाकर निरीक्षण किया है।

निदेशक की टीम ने अपने दौरे के दौरान प्रिंसिपलों , शिक्षकों व कर्मचारियों से उनके वेतन, एरियर, पदोन्नति, नियुक्ति और संसाधनों संबंधी समस्याओं की सुनवाई की। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने बताया कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में दौरे के दौरान इन कॉलेजों में अनियमितता पाई गई हैं।

उच्च शिक्षा सचिव व निदेशक की एक टीम दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों की रिपोर्ट तैयार कर ही है। फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने निरीक्षण टीम के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाया। शिक्षकों व कर्मचारियों ने अलग -अलग कॉलेजों में पिछले कई वर्षों से नियमित वेतन न होने और उसके कारण होने वाली समस्याओं को उच्च शिक्षा निदेशालय के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा।

शिक्षकों ने टीम को बताया कि पेंशन, एरियर, मेडिकल बिल का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहे है। उनका कहना था कि सेवानिवृत्ति के उपरांत शिक्षकों कर्मचारियों को मिलने वाला भुगतान भी समय पर ग्रांट न मिलने के कारण देरी से मिलता है। शिक्षकों ने बताया कि पिछले दो साल से 12 कॉलेजों को समय पर वेतन कभी नहीं मिला। उन्हें वेतन दो -तीन महीने में वेतन मिलता है और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो रही है उन्हें कॉलेज कंट्रेक्च ुअल पर रखता है।

डॉ. सुमन ने बताया है कि सचिव व निदेशक की टीम के प्रतिनिधियों को भीमराव अंबेडकर कॉलेज व आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज के शिक्षकों ने बताया कि कॉलेज में कम्प्यूटर लैब, संसाधनों के रखरखाव पर होने वाली मरम्मत का पैसा भी समय पर कॉलेजों को नहीं मिल रहा है। शिक्षकों का कहना था कि इन कॉलेजों में पिछले 25 -30 वर्षों में छात्रों की संख्या कई गुणा बढ़ी है लेकिन इसके अनुपात में शिक्षकों व कर्मचारियों के पदों की संस्तुति दिल्ली सरकार के स्तर पर लटकी हुई है जिससे शिक्षण व प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहा है।

दिल्ली देहात में छात्राओं के लिए बने भगिनी निवेदिता कॉलेज व अदिति महाविद्यालय के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया। कई कॉलेज के शिक्षकों ने कहा कि दिल्ली सरकार को अपने वित्त पोषित कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी बनाने की इसलिए चिंता है ताकि वह अपने लोगों की स्थायी नियुक्ति करा सकें। लेकिन वह प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं करती। उन्होंने इन कॉलेजों में राजनैतिक हस्तक्षेप को समाप्त करने की भी मांग प्रतिनिधियों से की।

आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज की टीचर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि कॉलेज को पूर्व में स्वीकृत शैक्षिक एवं गैर-शैक्षिक पदों की नियुक्ति हेतु अनुमति दी जाए, उन्होंने लिखा है कि कॉलेज में 129 टीचिंग पद है जबकि 200 शिक्षकों का वर्कलोड है। साथ ही नई शिक्षा नीति -2020 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत संरचना स्वीकृत की जाए।
--आईएएनएस

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Web Title-Economic crisis in 12 colleges of Delhi, Higher Education Secretary inspected the colleges
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