यह मामला पहले भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गैरकानूनी
गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, और कैदी अधिनियम 1984 की कई धाराओं के तहत मूल
रूप से पंजाब के राज्य विशेष ऑपरेशन सेल द्वारा दर्ज किया गया था। इस मामले
को एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने जांच को एक अक्टूबर 2019 को अपने
हाथों में लिया।
आज तक इस मामले में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान नीता व गुरमीत को अवैध रूप से
हथियारों, गोला बारूद, विस्फोटक, संचार उपकरण व फर्जी भारतीय मुद्रा की
तस्करी का साजिश रचने और भारत में आतंकवाद को बढ़ाने व देश की सुरक्षा के
लिए खतरा होने का आरोपी पाया।
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