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डॉ. हर्ष वर्धन ने WHO में भागीदारी जारी रखने के अमेरिका के निर्णय का स्वागत किया

-नीति गोपेंद्र भट्ट-

नई दिल्ली ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता की। अपने समापन भाषण में उन्होंने 148वें सत्र को सफल और परिणामजनक बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कल देर शाम कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमने ऐसे समय वर्चुअल रूप से बैठक की, जब हमने समझा कि आने वाले दो दशकों में कई तत्काल स्वास्थ्य चुनौतियां हमारे सामने होंगी, हम नये संकल्प के साथ मिलकर काम करने से साझा हित पर सहमत हुए और सुनिश्चित किया कि हमें सभी के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।

जैसा कि मैंने पहले कहा है कि इन सभी चुनौतियां जैसे कि वर्तमान महामारी के लिए साझा कार्रवाई की आवश्यकता है, क्योंकि इनके साथ साझा खतरे जुड़े हैं, जिनके लिए साझा जिम्मेदारी से काम करने की आवश्यकता है। निस्संदेह ये हमारी साझा जिम्मेदारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों के लिए शीर्ष दर्शन भी है। कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने के समय से हमने इस रोग के खिलाफ साहसपूर्ण संघर्ष किया है और संक्रमण को रोकने, बीमारी की रोकथाम और मौतों में कमी लाने के लिए हमने मिलकर प्रयास किए। मैं सदस्य देशों का धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि महामारी विज्ञान की प्रवृत्ति में बहुत असमानता के बावजूद हम अग्रसक्रिय और सामूहिक कार्य नीति को अपनाकर महामारी को पराजित करने की दहलीज़ पर हैं।

वर्ष 2020 विज्ञान का वर्ष रहा है, जिसमें मानवता ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न अंधकार से बाहर निकलकर दिखाया। हालात की मांग थी कि प्रमुख वैश्विक सहयोग बनाया जाए, ताकि वैज्ञानिक अपने अनुभव को साझा कर सकें। हमारे वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य समुदायों ने यह प्रदर्शित किया कि हम किसी भी गति का मुकाबला कर सकते हैं, निदान और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता बरकरार रख सकते हैं, ऐसा विश्वास विकसित कर सकते हैं, जिससे गति के कारण गुणवत्ता में कोई कमी न आए।

मेरा मानना है कि स्वास्थ्य देखभाल पर सहयोग के अनुकूल परिणाम का समान वितरण होना चाहिए। हमें इसका लाभ विश्व के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना है और हमें एक और असमान विश्व विकसित नहीं करना। प्रत्येक सदस्य की तरफ से वचनबद्धता है और मैं इसे 2020 का बेहतर परिणाम मानता हूं।

यदि वर्ष 2020 कोविड वैक्सीन की खोज का वर्ष था, 2021 विश्व भर में उन लोगों तक पहुंचने की चुनौती का वर्ष होगा, जिनको वैक्सीन की बेहद जरूरत है। यह एक बड़ी भूमिका है जिसे हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन में निभानी है। विभिन्न पक्षों और युवाओं को प्रभावित करने वालों के साथ मिलकर काम करना अब बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि सही सूचना का प्रसार किया जा सके और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लेकर अफवाहों को निराधार बताया जा सके तथा महामारी को समाप्त करने के उद्देश्य से अन्य शीर्ष जन-स्वास्थ्य उपायों को जारी रखा जा सके।

सप्ताह भर की बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि इस दौरान की गई चर्चा से आवश्यक नवाचार के लिए विज्ञान, एकजुटता, पारदर्शिता और जवाबदेहता में योगदान मिलेगा। इस बैठक में कार्यसूची पर सघन और समृद्ध चर्चा से उत्पन्न विशेष बिन्दुओं को उजागर करना आवश्यक है। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित तैयारियों और जन-स्वास्थ्य आपात कार्रवाई को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा जन-स्वास्थ्य आपात के मानसिक स्वास्थ्य पहलुओं के समाधान में लाभदायक सिद्ध होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन और सदस्य देशों द्वारा कोविड-19 पर की गई कार्रवाई के तहत कंटेनमेंट कार्य नीतियां बनाए जाने की इंडियन ओवरसाइट एंड एडवाइजरी कमिटी ने सराहना की है।

संक्रमण, रोग तथा मृत्यु को महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक सीमित करने और दबाने की कोशिश के बारे में हमारी चर्चा निस्संदेह इस बात पर योगदान देगी कि कौन से जन-स्वास्थ्य उपाय सफल रहे और नाकाम रहे। इनसे प्राप्त सीख का उपयोग सुधार में और शीर्ष क्षमताओं के अधिक विकास तथा स्वास्थ्य सूचना प्रणाली और रिपोर्टिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने में किया जा सकता है। मैं सदस्य देशों की क्षेत्र, देश, क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर से संबंधित विश्व स्वास्थ्य संगठन आपात कार्यक्रम के कामकाज के लिए अधिक जवाबदेह सुरक्षा की सिफारिशों की भी सराहना करता हूं।

उन्होंने कहा कि ये मेरी साझा चिंता है कि अधिक, लचीली और अनुमानात्मक फंडिंग होनी चाहिए। मैं आईओएसी की ओवरसाइट फंक्शनिंग के बारे में आपके द्वारा रखे गए विचार की भी सराहना करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक तैयारी निगरानी बोर्ड ने जोखिम में विश्व से लेकर अव्यवस्था में विश्व तक प्रणालियों और तैयारी रहित विश्व में वित्तीय कोष को लेकर अपर्याप्तता का उल्लेख किया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र-राज्य और आपसी सहयोग तथा देशों के बीच एकजुटता स्वास्थ्य आपात तैयारियों और कार्रवाई व्यवस्था के केन्द्र बिन्दु के रूप में बनी रहनी चाहिए। इसके लिए आज के विश्व की वास्तविकताओं को प्रदर्शित करने के लिए बहुपक्षीय अंतर-सरकारी प्रणालियों के ढांचे और कामकाज में सामयिक सुधार की आवश्यकता है।

निस्संदेह विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार और इसे मजबूत बनाने के प्रयासों का नेतृत्व स्वाभाविक रूप से सदस्य देशों को करना चाहिए और आशाओं तथा वित्तीय स्थिति की दृष्टि से इन पर सोच-समझकर विचार करना जरूरी होगा।


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Web Title-Dr. Harsh Vardhan welcomed America decision to continue participation in WHO
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