नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सोमवार को दूरसंचार ऑपरेटरों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया। दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से करीब 1.47 लाख करोड़ रुपए के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाए के भुगतान के लिए 20 साल समय की मंजूरी देने की मांग की। दूरसंचार विभाग ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के प्रतिकूल कामकाज का अर्थव्यवस्था और देशभर के उपभोक्ताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दूरसंचार विभाग द्वारा शीर्ष कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया कि कोर्ट के फैसले (अक्टूबर 2019) से प्रभावित सभी लाइसेंसधारकों को बाकी के भुगतान के लिए 20 साल के वार्षिक किश्तों में भुगतान की अनुमति दी जानी चाहिए। डीओटी ने कहा है कि फैसले की तारीख के बाद मूलधन व जुर्माना पर ब्याज नहीं लगेगा, जबकि बकाए पर 8 फीसदी के ब्याज से सरकार को भुगतान किया जाना चाहिए।
अर्जी में कहा गया, आवेदक इस तथ्य से अवगत है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के कामकाज पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव न केवल राष्ट्र की समग्र अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।
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