नई दिल्ली। गोवा में इस वर्ष 20 से 28 नवंबर के बीच होने वाले भारत के 52वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा प्रस्तुत 'चुनौतियों पर विजय' नामक शीर्षक की डॉक्यूमेंट्री फिल्म को प्रतिष्ठित भारतीय चित्रमाला सेक्शन में चित्रण के लिए चुना गया है। दरअसल यह दूसरी बार है जब डीएमआरसी द्वारा बनाई गई किसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को इतनी मान्यता मिली है। अपने चरण-2 के दौरान दिल्ली मेट्रो ने सामने आई इंजीनियरिंग चुनौतियों पर बनी एक फिल्म ने 2012 में गैर-फीचर फिल्मों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रचार वाली फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।
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वहीं 28 मिनट लंबी गैर फीचर फिल्म, डीएमआरसी द्वारा अपने तीसरे चरण के विस्तार के दौरान अनुभव की गई विभिन्न निर्माण संबंधी चुनौतियों को बताती है।
दरअसल दिल्ली मेट्रो के मुताबिक, फेज-3 में डीएमआरसी ने 190 किलोमीटर नई लाइनों का निर्माण किया और पुरानी दिल्ली की घनी बस्तियों में निर्माण, आश्रम के अत्यंत व्यस्त सड़क चौराहे को पार करना और हौज खास में दिल्ली मेट्रो के सबसे गहरे स्टेशन का निर्माण करना जैसी विविध चुनौतियों का सामना भी किया।
फिल्म का निर्माण अपने आप में एक कठिन काम था क्योंकि चुनौतियों पर गहन शोध अधिकारियों की एक समर्पित टीम द्वारा किया जाना था, जिसके बाद इंजीनियरों के लंबे साक्षात्कारों की रिकॉडिर्ंग की गई थी। फिल्म की वास्तविकता बनाए रखने के लिए प्रासंगिक अभिलेखीय फुटेज की पुनप्र्राप्ति के साथ-साथ विभिन्न स्थानों की व्यापक शूटिंग की जानी थी।
भविष्य में फिल्म की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए फेज-3 के अंतर्गत निर्माणाधीन सभी साइटों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी 5-6 वर्षों तक की जाती रही।
इससे पहले 'द ड्रीम फुलफिल्ड - मेमोरीज ऑफ द इंजीनियरिंग चैलेंजेज' ने प्रतिष्ठित 'रजत कमल' पुरस्कार जीता था और तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा फिल्म को सम्मानित किया गया था।
--आईएएनएस
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