नई दिल्ली। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने राज्यसभा में वृंदावन की विधवाओं का मामला जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा है कि एक साल पूर्व मैंने सरकार को वृंदावन की विधवाओं की स्थितियों के बारे में बताया था। लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि मैं तमिलनाडु से आता हूं, लेकिन सारे भारत के निवासी मेरे भाई-बहन हैं। इस कारण से मैं उत्तर प्रदेश के वृंदावन में रहने वाली विधवाओं की दयनीय स्थिति पर आवाज उठा रहा हूं।
डीएमके सांसद शिवा ने बताया कि वृंदावन में एक लाख से ज्यादा विधवाएं निवास करती हैं। इनके रहने के लिए कोई सही व्यवस्था नहीं है। उनके रहने, खाने के कोई उचित व्यवस्था नहीं हैं। उन्हें मजबूरी में सडक़ों पर रहकर भीख मांगकर जीवनयापन करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारे पूरे देश में 7.37 फीसदी विधवाएं रहती हैं। यह आंकडा दुनियाभर की विधवाओं से बहुत अधिक है। उन्होंने बताया कि भारत में करीब 4 करोड़ 32 लाख 61 हजार 278 विधवाएं रहती हैं, लेकिन हमारे देश जैसी दयनीय स्थिति में कहीं भी नहीं हैं।
उन्होंने रूढिवादिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पति की मौत के बाद विधवा महिलाओं को कई जगहों पर जाने पर निषेध लगा दिया जाता है। हमारे यहां जाति व्यवस्था मजबूती के साथ बनी हुई है। महिलाओं के साथ वैज्ञानिक नजरिया अपनाना चाहिए, जो संविधान में लिखा हुआ है।
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