नई दिल्ली | ई-कॉमर्स वेबसाइटों के
ज्यादातर सेलर्स उपभोक्ता मामलों के विभाग के उस आदेश का पालन नहीं कर रहे
हैं, जिसमें उन्हें अपने पोर्टल्स पर उत्पादों की एमआरपी का खुलासा करने
को कहा गया है। एक सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इस आदेश का पालन करने के लिए ई-कॉमर्स
वेबसाइटों को छह महीने का वक्त दिया था। लेकिन अभी भी ज्यादातर सेलर्स अपने
सभी उत्पादों की एमआरपी नहीं बता रहे हैं। लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए
सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोकल सर्किल्स ने एक बयान में
कहा, "यूजर्स से मिले फीडबैक से पता चलता है कि ई-कॉमर्स साइटों पर केवल 10
से 12 फीसदी उत्पादों की ही एमआरपी दिखती है और वे भी खुद ई-कॉमर्स साइटों
के ही उत्पाद होते हैं।"
इस साल की शुरुआत में उपभोक्ता मामलों के
विभाग ने पैकेज्ड कमोडिटी नियम 2011 में संशोधन किया था और एक अधिसूचना
जारी कर सभी ई-कॉमर्स साइट्स के सेलरों से 1 जनवरी के बाद से अपने सभी
उत्पादों के वास्तविक एमआरपी को बताने को कहा था।
आईएएनएस
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