नई दिल्ली। देश में राफेल विमान को लेकर पक्ष-विपक्ष दल एक-दूसरे के ऊपर आरोपों की झडी लगा दी है। इसी बीच वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस में पहली भारतीय राफेल काम्बैट एयरक्रॉफ्ट पर उडान भरी है। नई तकनीकी सुविधाओं से युक्त लड़ाकू विमान पहली बार भारत सितम्बर,2019 में आएंगे। नांबियार ने फ्रांस के इसट्रेस एयर बेस से विमान के कॉकपिट में बैठकर इसका निरीक्षण किया। राफे ल विमान ने लगभग एक घंटे तक उड़ान भरी है। भारतीय वायुसेना की 6 सदस्यीय टीम फ्रांस गई और डासॉल्ट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का निरीक्षण किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस विमान की खासियत यह रहेगी कि यह कई तरह के रोल निभाने में कामयाब है। यह हवा से हवा में मार कर सकता, हवा से जमीन पर भी आक्रमण करने में मजबूत है। यह परमाणु बम गिराने की भी ताकत रखता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी लगा हुआ है, इसके जरिए दुश्मनों को लोकेट किया जा सकता है, उनके रडार को जाम भी कर सकते हैं। इसी यूनिट में भारत के लिए राफेल विमान तैयार करने का काम कर रहा है। 67 महीनों में फ्रांस 36 राफेल विमान भारत को देने का वादा किया है। इसक प्रारंभ अगले वर्ष सितंबर से डिलेवरी होने की उम्मीद है।
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