नई दिल्ली। राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को कम से कम एक साल के लिए निलंबित करने की मांग उठी है। केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद में हंगामे की रोकथाम के लिए विधेयक लाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पहली बार हंगामा करने पर एक साल और दूसरी बार हंगामा करने पर पूरे संसदीय कार्यकाल के लिए सांसदों का निलंबित करने की व्यवस्था हो। तभी सदन में हंगामे की घटनाएं रुकेंगर। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने सरकार से जल्द से जल्द इस मसले पर विधेयक लाने की जरूरत बताई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है बीते 20 सितंबर को विपक्षी दलों के सांसदों ने भारतीय संसद के उच्च सदन में जो हरकतें कीं, वह निंदनीय है। लोकतंत्र के नाम पर हिंसा करके आसान पर बैठे सभापति को भयभीत करने का प्रयास किया गया। सांसदों ने मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाईं।
रामदास आठवले ने पत्र में कहा है, "सदस्यों ने उच्च सदन में नियम पुस्तिका फाड़ने के साथ ही टेबल पर चढ़कर सदन के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। जिसमें उच्च सदन की मयार्दा की क्षति पहुंचने के साथ पूरा देश भी शर्मसार हुआ है। जिन सांसदों ने ऐसा निंदनीय कार्य किया है उनको केवल 1 सप्ताह के लिए नहीं बल्कि पहली गलती करने पर 1 वर्ष के लिए और दूसरी कर गलती करने पर उनके संसदीय कार्य काल तक निलंबित कर देना चाहिए।"
आठवले ने पत्र में यह भी मांग की है कि संसद में एक ऐसा विधेयक लाना चाहिए जिससे भारतीय संसद की गरिमा का आदर सुनिश्चित हो। भविष्य में फिर ऐसी कोई घटना होने से रोकी जा सके, जो देश की संसद की शान के खिलाफ हो।
--आईएएनएस
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