उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "जब तक वेरिफिकेशन नहीं हो जाता है, तब तक लोगों को मुआवजा देना मुश्किल होगा।"
उत्तर
पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में मदद पहुंचाए जाने के लिए यहां 18
एसडीएम दिन में और चार एसडीएम रात को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर
जाकर स्थिति का मुआयना कर रहे हैं। एसडीएम जरूरतमंद लोगों से मिलकर उन तक
मदद पहुंचा रहे हैं। अब इन अधिकारियों के साथ छह वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों
को भी जोड़ दिया गया है, ताकि मौके पर ही यह अधिकारी अपना निर्णय ले सकें।
दिल्ली सरकार का कहना है कि अब अधिकारियों की संख्या बढ़ाए जाने से नुकसान
के आकलन के काम में तेजी आएगी, जिसके चलते लोगों को मुआवजा भी जल्दी मिल
सकेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के
हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान
किया था। हिंसा के दौरान गोली लगने से हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई
थी। वह एसीपी गोकुलपुरी कार्यालय में तैनात थे। रतनलाल के अलावा गुप्तचर
विभाग के कर्मचारी अंकित शर्मा की हिंसा के दौरान बेहरमी से हत्या कर दी गई
थी। मुख्यमंत्री ने उनके परिजनों को भी एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का
ऐलान किया है।
--आईएएनएस
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