नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की आज से तीन दिवसीय व्याख्यानमाला दिल्ली में शुरू हो रही है, जिसके केंद्र में हिंदुत्व होगा। लेकिन इस कार्यक्रम में विपक्ष के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना कम है। इस कार्यक्रम की विशिष्टता तीनों दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समसामयिक विषयों पर संघ का विचार प्रस्तुत किया जाना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम का शीर्षक भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण रखा गया है। इसमें कई गणमान्य लोगों के भाग लिए जाने की उम्मीद है, जिनमें धार्मिक नेता, फिल्म कलाकार, खेल हस्तियां, उद्योगपति और विभिन्न देशों के राजनयिक शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी व समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव इस समारोह में शामिल नहीं होंगे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना फैसला बता दिया है, जबकि सीपीएम ने कहा कि येचुरी यात्रा पर हैं और आरएसएस की तरफ से कोई आमंत्रण भी नहीं आया है। कांग्रेस ने इसे लेकर आरएसएस पर कटाक्ष किया। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी आमंत्रण भेजने को लेकर फर्जी खबर फैला रहे हैं, जैसे मानो यह किसी सम्मान का कोई मेडल हो।
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