नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज से आज (मंगलवार) तड़के 1033 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया है। कुल मिलाकर इस मरकज में लगभग 1500 से 1700 लोग ठहरे हुए थे, सभी को इस मरकज से निकाल दिया गया है। ये सभी लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने यहां आए हुए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "मरकज में कुल कितने लोग थे, इसकी पुख्ता जानकारी तो नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक इसमें 1500 से 1700 लोग मौजूद रहे होंगे, जिमसें से 334 को अस्पताल भेज दिया गया है और 700 लोग क्वारंटाइन में हैं।"
इस धार्मिक जलसे में शामिल लोगों में से 24 लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया। लोगों में महामारी के लक्षण मिलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जलसे से तेलंगाना लौटे छह लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती संदिग्धों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है। दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए तब्लीगी जमात के मरकज संचालकाें पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
अपडेट .....
-दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में कोरोना वायरस के सैकड़ों संदिग्ध पाए जाने के बाद मौके पर पुलिस और मेडिकल टीम मौजूद है। पूरे परिसर को ड्रोन से मॉनिटर किया जा रहा है। मरकज में मौजूद लोगों को अस्पताल भेजा जा रहा है। मरकज को सैनिटाइज करने की तैयारी चल रही है।
निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च के बीच जलसे में सऊदी अरब, दुबई, उजबेकिस्तान, इंडोनेशिया और मलयेशिया के अलावा देश के कई राज्यों से लोग आए थे।
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