नई दिल्ली। नवरात्रि पर दिल्ली में मीट पर पाबन्दियों पर सियासत जमकर हो रही है। मीट की बिक्री पर रोक लगाने मामले पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने तीनों नगर निगमों के मेयर्स और एमसीडी कमिश्नर को नोटिस भेजा दिया है। इस नोटिस में एमसीडी मेयर और एमसीडी कमिश्नर से पूछा गया है कि किन नियमों के तहत नवरात्रों के दौरान मीट की दुकानों पर बैन लगाने के आदेश/निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान ने बताया कि, ये विचित्र स्थिति है कि हमारा देश के कानून में कहीं नहीं लिखा कि आप त्यौहारों पर मीट की दुकानें बंद रखें, जबकि कानून कहता है कि आप अपने धर्म के अनुसार कुछ भी खा सकते हैं। मैंने तीनों निगमों के महापौर और कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा है कि, क्या त्योहारों पर मीट की दुकानों को बंद करने का कोई लिखित रूप में आदेश दिया है ?, या ये मौखिक बयान है ? ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने आगे कहा कि, इस तरह के आदेश नहीं देने चाहिए ,जो देश की फिजा को बिगाड़ने का काम करे, हिंदू मुस्लिम एक एकता है, सभी धर्मों की इज्जत होती है। कानून से उठकर कोई व्यक्ति नहीं है। इस तरह के आदेश से लोगों में डर बन गया है।
दरअसल, नवरात्रि से पहले दक्षिणी दिल्ली के मेयर ने मीट बैन को लेकर आदेश जारी किया था, मेयर मुकेश सूर्यन ने संबंधित अधिकारियों को नवरात्रि तक मीट की दुकानों को बंद रखने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
--आईएएनएस
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