नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट में दावा किया है कि आंध्र प्रदेश के ओंगोल से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में ईडी के समक्ष झूठा बयान दर्ज किया और जांच को पटरी से उतारने के लिए महत्वपूर्ण सबूतों को भी नष्ट कर दिया।
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मगुंटा को इस साल 10 फरवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
उनसे काफी देर तक पूछताछ की गई और बाद में ईडी ने उन्हें एक आरोपी के रूप में नामित करते हुए एक दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया।
ईडी ने दावा किया है कि मगुंटा ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत एक फर्जी बयान दर्ज किया। यह बयान मगुंटा एग्रो फार्म्स और पिक्सी एंटरप्राइजेज के उनके नियंत्रण से संबंधित था।
सूत्र ने कहा, यह एक जाली खाता था जो उसने हमें बताया था। यह हमें जांच के दौरान पता चला। हमने उसका फोन जब्त कर लिया था, लेकिन उसने पूरा डाटा डिलीट कर दिया। यह अहम सबूत था जिसे उसने नष्ट कर दिया। उसका इरादा जांच को पटरी से उतारने का था।
बाद में, ईडी ने बाबू के सेल फोन से बुच्ची बाबू के साथ उसकी चैट को दोबारा प्राप्त किया। ईडी के सूत्र ने कहा कि बुच्ची बाबू के फोन में मगुंटा की चैट थी जबकि उनके अपने सेल फोन में कोई डेटा नहीं था, जिससे साबित होता है कि महत्वपूर्ण सबूत जानबूझकर नष्ट किए गए थे। यह एक जरुरी चैट थी जिसकी ईडी को दोनों के अपराध को साबित करने के लिए आवश्यकता थी।
ईडी ने दावा किया है, मगुंटा ने विधेय अपराध की अवधि के दौरान और बाद में कई बार अपना मोबाइल फोन बदला है। सबसे जरूरी बात यह है कि घोटाले की प्रासंगिक अवधि के डेटा वाला फोन नहीं मिला है।(आईएएनएस)
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