नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के स्थायी सदस्यों के चुनाव के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि भाजपा पहले दिन से ही कह रही है कि दिल्ली की नवनियुक्त मेयर का बर्ताव अपने पद की प्रतिष्ठा के अनुरुप नहीं है और आज उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाकर हमारे कथन पर मोहर लगा दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के 6 सदस्यों के नए सिरे से चुनाव कराने के फैसले के विरूद्ध भाजपा पार्षदों ने अपील दायर की थी जिसपर उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में महापौर के निर्णय को रद्द कर आम आदमी पार्टी की अराजकता और तानाशाही रवैये को आईना दिखाने का काम किया है।
उच्च न्यायालय ने जो टिपण्णी की है वह भी गंभीर है। सचदेवा ने दावा किया कि अपने फैसले में न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि दिल्ली के महापौर का एक्शन तर्कसंगत नहीं है और नियमों के विरुद्ध है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय को 24 फरवरी को हुए मतदान के मुताबिक चुनाव परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है और अब महापौर अविलंब सदन की बैठक बुला कर नतीजा घोषित करें।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के बड़े से बड़े नेता और निगम पार्षद अराजकता में विश्वास रखते हैं और उसी का परिणाम था कि निगम में आप पार्षदों ने हंगामा किया और आज न्यायालय के निर्णय ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा जो लड़ाई लड़ रही थी वह न्यायसंगत थी।
--आईएएनएस
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