नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में हुई हिंसा के सिलसिले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए क्राइम ब्रांच को 60 दिनों की और मोहलत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने दिल्ली पुलिस की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि जांचकर्ताओं के पास पर्याप्त सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि अदालत द्वारा दी गई मोहलत कानूनी रूप से सही थी।
उन्होंने कहा, "सबूत जोरदार तरीके से बोल रहे हैं कि मोहलत सही तरीके से और कानून के अनुसार दी गई है।
मेहरा ने याचिकाकर्ता के वकील के इस तर्क का भी विरोध किया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा मोहलत को बिना सोचे-समझे दिया गया था।
इशरत जहां ने अपने वकील मनु शर्मा और अर्जुन के माध्यम से, ट्रायल कोर्ट के 15 जून के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया, जिसके तहत कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को इशरत के खिलाफ मामले में चार्जशीट दायर करने के लिए दो महीने का समय दिया था।
--आईएएनएस
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