इसमें कहा गया, लेकिन उनके अल्पसंख्यक अधिकारों को गैरकानूनी और मनमाने ढंग
से बहुसंख्यक आबादी के लिए छीना जा रहा है, क्योंकि न तो केंद्र और न ही
संबंधित राज्य ने उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2 (सी)
के तहत अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया है। याचिका में कहा गया कि इस
तरह से हिंदुओं को उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, जिसकी
अनुच्छेद 30 के तहत गारंटी दी गई है।
(IANS)
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