ये भी पढ़ें - क्या आपकी लव लाइफ से खुशी काफूर हो चुकी है...!
परिपत्र में कहा गया है, "भारी स्कूल बैग स्कूल के छात्रों के
स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक गंभीर खतरा है। यह बढ़ते बच्चों पर गंभीर
प्रतिकूल शारीरिक प्रभाव डालता है जो उनके वर्टिब्रल कॉलम और घुटनों को
नुकसान पहुंचा सकता है।
परिपत्र के मुताबिक, स्कूल बैग का भार
पाठ्यपुस्तक, गाइडों, होमवर्क/क्लासवर्क नोटबुक, व्यर्थ कार्य के लिए
नोटबुक, पानी की बोतलों, लंच बॉक्स और कभी-कभी भारी बैग होने से उसका भार
बढ़ता है। यह भी कहा गया है कि छात्रों के समग्र विकास के लिए खेल, कला व
संस्कृति और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ लाइब्रेरी की किताबें
पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मानव संसाधन विकास
मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों
से पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क नहीं दिया जाना सुनिश्चित करने
और पहली से दसवीं कक्षा के लिए तय किए गए स्कूली बैग के भार का पालन किए
जाने को कहा था।
-आईएएनएस
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope