नई दिल्ली, । दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को
टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले में अपना फैसला 18 अक्टूबर को
सुनाने के लिए सुरक्षित रख लिया। सौम्या की साल 2008 में हत्या कर दी गई
थी।
मामले की अध्यक्षता करने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र
कुमार पांडे ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित
रहने का निर्देश दिया। अदालत ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को
अदालत में उपस्थित रहने का भी आदेश दिया है। 30 सितंबर 2008
को सौम्या विश्वनाथन देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं, उसी दौरान उनकी
नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या
के सिलसिले में 5 व्यक्तियों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय
कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में
हैं। पुलिस ने उसकी हत्या का कारण डकैती बताया था और आरोपियों पर कठोर
महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था।बलजीत
मलिक और दो अन्य आरोपी रवि कपूर तथा अमित शुक्ला को 2009 में आईटी पेशेवर
जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। घोष की हत्या में
ट्रायल कोर्ट ने रवि कपूर, शुक्ला को मौत की सजा सुनाई और मलिक को आजीवन
कारावास की सजा सुनाई।इसके बाद, अगले साल हाईकोर्ट ने घोष की
हत्या के मामले में मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए रवि
कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाकिस्तान के साथ लंबित मुद्दा पीओके खाली करने का है, तीसरे पक्ष की मध्यस्थता मंजूर नहीं - विदेश मंत्रालय
'सिंधु जल संधि' पर रोक नहीं हटी तो सीजफायर खतरे में : पाक विदेश मंत्री
'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत-पाक संबंधों में स्थापित किए ‘नए मानदंड’ : डीजी डीआईए
Daily Horoscope