नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीलिंग हो रही है। इसके विरोध में आज सुबह से ही व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोली है। व्यापारी सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी व्यापारी संगठनों ने इसके विरोध में दिल्ली बंद का ऐलान किया है। बंद के चलते लोगों को रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 2000 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों के 7 लाख से ज्यादा व्यापारियों ने कारोबार बंद रखा है। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बंद की घोषणा करते हुए कहा है कि शीर्ष न्यायालय के आदेश की आड़ में दिल्ली नगर निगम कानून 1957 के मूलभूत प्रावधानों को ताक पर रख सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
व्यापारियों को मिला आप, बीजेपी और कांग्रेस का साथ
इस बंद को आम आदमी पार्टी के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस के व्यापारिक संगठनों का भी समर्थन है। आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग हाथों में कटोरा लेकर मार्च निकालेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि बीजेपी सीलिंग से प्रभावित व्यापारियों के साथ खड़ी है और उन्हें इससे निजात दिलाने के लिए जी जान से जुटी हुई है। कांग्रेस के नेताओं ने भी बताया कि पार्टी से जुड़े व्यापारिक संगठन और कांग्रेस की ट्रेड यूनियन भी इस बंद का समर्थन करेगी।
दिल्ली में इन जगहों पर बाजार बंद
चांदनी चौक, खारी बावली, कश्मीरी गेट, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, नई सडक़, दरियागंज, कनॉट प्लेस, करोल बाग, पहाडग़ंज, खान मार्केट, मॉडल टाउन, पीतमपुरा, शालीमार बाग, अशोक विहार, राजौरी गार्डन, कीर्ति नगर, पंजाबी बाग, सरोजिनी नगर, कालकाजी, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, शाहदरा, गांधी नगर, प्रीत विहार, दिलशाद गार्डन जैसे तमाम बाजार बंद रहेंगे। साथ ही दिल्ली के व्यापारी हौज काजी चौक, चावड़ी बाजार समेत दिल्ली की 6 जगहों पर विशाल धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
दिल्ली में सुरक्षा के इंतजाम
बंद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। आज गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल भी है, ऐसे में पुलिस के सामने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की दोहरी चुनौती है। जिन बाजारों में विरोध प्रदर्शन होना है, वहां खासतौर से बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया जाएगा। दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की टुकडिय़ां भी बाजारों में तैनात की गई हैं।
विरोध क्यों?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश पर बवाल बढ़ता देख केंद्र सरकार साल 2006 में ही दिल्ली स्पेशल प्रोविजन बिल लाई। इस बिल के तहत तब तक बन चुकी अवैध इमारतों को सीलिंग के दायरे से बाहर कर दिया गया। अब जुलाई 2014 के बाद हुए अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है।
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