नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी और नतीजे 11 फरवरी को घोषित होंगे। बिजली और पानी मुफ्त करने का दांव चलकर जहां पहले आम आदमी पार्टी ने मुकाबला एकतरफा करने की कोशिश की थी, मगर जिस तरह से भाजपा ने कारपेट बॉम्बिंग करते हुए पूरी ताकत झोंक दी, उससे अब चुनाव रोचक हो गया है। लोग आम आदमी पार्टी और भाजपा की जीत-हार को लेकर अटकलें लगाने में जुटे हैं। यहां हम बात कर रहे हैं उन 10 कारणों की, जिनके आधार पर भाजपा की हार और जीत तय होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा क्यों जीतेगी, यहां देखें
1- जबरदस्त ध्रुवीकरण
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण की आक्रामक पिच तैयार की। शाहीन बाग का प्रदर्शन मानो मुंह मागी मुराद जैसा हाथ लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य छोटे से लेकर बड़े नेता हर रैली और सभाओं में शाहीन बाग-शाहीन बाग का मुद्दा उछालते रहे। सभाओं में जनता के बीच सवाल उछालते रहे- आप शाहीन बाग के साथ हैं या खिलाफ? शरजील इमाम के असम वाले बयान, जेएनयू, जामिया हिंसा को भी भाजपा ने मुद्दा बनाकर बहुसंख्यक वोटर्स को साधने की कोशिश की।
2- धुआंधार कैंपेनिंग
छोटे से केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली के लिए भाजपा ने जितनी ताकत झोंक दी, उतनी बड़े-बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी मेहनत नहीं की। भाजपा ने गली-गली मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद-विधायकों की फौज दौड़ा दी। कोई मुहल्ला नहीं बचा, जहां बड़े नेताओं ने नुक्कड़ सभाएं नहीं कीं। इससे भाजपा ने अपने पक्ष में जबरदस्त माहौल बनाने की कोशिश की।
3- व्यापारियों का झुकाव
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