नई दिल्ली। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए काम किया, अगर वे फिर से चुने जाते हैं तो वे उच्च शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आईएएनएस से बातचीत में सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) 8 फरवरी के चुनाव में सभी 70 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतकर 2015 में सत्ता में आई आप ने दिल्ली सरकार के स्कूलों का कायापलट कर दिया है और सुधारों के लिए राष्ट्रीय और विश्व स्तर दोनों पर ही उसकी प्रशंसा की गई। सिसोदिया ने कहा, दिल्ली में बहुत कुछ किया जाना है। पिछले पांच वर्षों में हमने जो किया है, वह सालों पहले किया जाना चाहिए था। लेकिन स्कूलों और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षामंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के अधिकांश समय का उपयोग इन स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया। हालांकि प्रगति के लिए इस दिशा में अभी भी काम हो रहा है और स्कूल प्रणाली के एक पूर्ण कायापलट के लिए जारी रहेगा, मंत्री के पास उच्च शिक्षा पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ अगले कार्यकाल के लिए बड़ी योजनाएं हैं, अगर वे चुने जाते हैं।
अन्य इच्छाओं के बीच, सिसोदिया ने कहा कि वे विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश क्षमता बढ़ाने के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते, दिल्ली में उच्च शिक्षा में अधिक प्रवेश देने की क्षमता होनी चाहिए, क्योंकि शहर के बाहर के छात्र भी यहां आते हैं। उच्च शिक्षा क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। सिसोदिया ने आईएएनएस से कहा, हमने दिल्ली में दो विश्वविद्यालयों के लिए पिछले सत्र (दिल्ली विधानसभा के) में दो बिल पारित किए हैं। अब, हम दिल्ली में दो बड़े विश्वविद्यालय बनाने के लिए काम करेंगे।
अगले कुछ सालों में विश्वविद्यालयों में प्रवेश क्षमता करीब एक लाख बढ़ाने का लक्ष्य है। दिसंबर 2019 में, विधानसभा ने दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक और खेल विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया। सिसोदिया के अनुसार, उच्च शिक्षा में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश क्षमता लगभग पांच लाख होनी चाहिए, लेकिन कहा कि शहर में अपने छात्रों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
सिसोदिया ने कहा, हमारा ध्यान सीटों को बढ़ाने पर काम करना होगा, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश मिल सके। उन्होंने यह कहते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) वह चीज नहीं है जो देश चाहता है और देशभर की सरकारों को स्कूलों, कॉलेजों और रोजगार दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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