नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत ने एक बार फिर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और उनकी कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) को चर्चा में ला खड़ा किया है, जिन्होंने सबसे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध चाय पे चर्चा चुनाव अभियान से प्रचार की रूपरेखा में बदलाव किया था। किशोर ने बीते वर्ष दिसंबर में आप से हाथ मिलाया था और पार्टी को भाजपा के नकारात्मक अभियान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने की सलाह दी थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा ने चुनाव के दौरान दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए-विरोधी प्रदर्शन को मुख्य मुद्दा बनाया था। नवीनतम रुझानों में दिल्ली की 70 सीटों में से आप को 63 सीट मिलती दिखाई दे रही है। आप ने 2015 विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। रुझानों को देखते हुए, किशोर ने ट्वीट कर कहा, भारत की आत्मा की रक्षा के लिए खड़ा होने पर दिल्ली को शुक्रिया।
किशोर ने सितंबर 2018 में जनता दल-यूनाइटेड का दामन थामा था, लेकिन उन्हें विवादास्पद सीएए और एनआरसी के विरुद्ध बयान देने की वजह से पार्टी से निकाल दिया गया। उन्होंने आप के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने आप सरकार के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया।
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