खास बात है कि मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी भाजपा के टिकट के लिए दावेदारों
की कमी नहीं है। सीलमपुर, ओखला, बल्लीमारान, चांदनी चौक, बाबरपुर व
सीमापुरी जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा से लडऩे के लिए काफी नेताओं
की अर्जियां आ रही हैं।
दिल्ली भाजपा इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार
को आईएएनएस से कहा, हर सीट पर औसतन 40 लोगों की दावेदारी तो है ही, खास बात
है कि उसमें भी करीब 10-10 लोग मजबूत दावेदार हैं, जो पार्टी के विभिन्न
प्रकोष्ठों से जुड़े हैं या फिर अन्य तरह के दायित्व में हैं। ऐसे में
योग्य में से योग्य तलाशना संगठन के लिए चुनौती है।
सर्वमान्य चेहरों को
वरीयता मिलेगी, जिससे किसी को टिकट मिलने पर नाराजगी न हो। उम्मीदवारों के
चयन में सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट अहम होगी। बता दें कि 2015 के विधानसभा
चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कीं थीं, जबकि
भाजपा को सिर्फ तीन सीटें मिलीं थीं। वहीं इससे पहले 2013 के विधानसभा
चुनाव में भाजपा को 32, आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को 7 सीटें मिलीं
थीं।
(IANS)
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