नई दिल्ली। पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली। उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी (आप) को जहां 62 सीटें मिलीं, वहीं भाजपा को 8 सीट से ही संतोष करना पड़ा। भाजपा के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि उसे पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर जीत मिली थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बीच बेगुसराय (बिहार) में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता अति उत्साह में थे, जिसकी वजह से वे बूथ पर वोट डालने ही नहीं गए और ये ही भाजपा की हार का कारण बन गया। हालांकि गिरिराज ने ये भी कहा कि दिल्ली में हार के कारण नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मसले पर कोई बदलाव नहीं होगा।
जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं, वे एक तरह से संसद का ही विरोध कर रहे हैं। दिल्ली के नतीजों का बिहार के चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लोकसभा चुनाव की जैसे विधानसभा चुनाव में भी एनडीए की जीत होगी। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर इस प्रकार का दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में बीजेपी के 62 लाख कार्यकर्ता हैं, जबकि उसे सिर्फ 35 लाख ही वोट मिले।
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