नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की आहटों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमलावर है। ताजा मामला दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर की तरफ से जारी रिपोर्ट को लेकर है। भाजपा की थिंक टैंक मानी जाने वाली पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर एक चिर्स पेपर जारी किया है, जिसमें दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था को लचर और सोचनीय बताया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रिपोर्ट को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने शुक्रवार को जारी किया। मनोज तिवारी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढऩे वाले 4 लाख 98 हजार बच्चों को 10वीं में फेल कर दिया गया। तिवारी ने कहा कि ये बच्चे इसलिए फेल कर दिए गए, ताकि दिल्ली के मुख्यमंत्री राज्य की शिक्षा को बेहतर दिखा सकें। इस मौके पर मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार की चुनौती को स्वीकार करते हुए कि कहा कि दो दिन बाद वह खुद दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा करेंगे।
जारी की गई रिपोर्ट में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए गए हैं। पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर ने दावा किया गया है कि जो जानकारी जमा की गई है, वह 917 आरटीआई के जरिए जुटाई गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के अधीन 693 स्कूल चलाए जा रहे हैं, जो शिफ्टों में चलते हैं। इसमें से सिर्फ 12 स्कूल में ही शिक्षा और ढांचागत विकास हुआ है। बाकी बचे स्कूलों की स्थिति दयनीय है, जबकि दिल्ली के सभी केंद्रीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम हैं और शिक्षा का स्तर बेहतर है।
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