नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बिहार की सभी प्रमुख पार्टियां भाग्य आजमा रही हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि बिहार के बाहर इन सभी दलों ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कांग्रेस के साथ है, वहीं जनता दल-युनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भाजपा के साथ हैं। इन सभी पार्टियों की नजर पूर्वाचल के वोटरों पर है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा के साथ गठबंधन में जदयू दो और लोजपा एक सीट पर चुनाव लड़ रही है, वहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन में राजद चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बताया जा रहा है कि दिल्ली में पूर्वांचली वोटों में बिखराव को रोकने के लिए भाजपा की तरफ से गठबंधन की पहल की गई है। इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि झारखंड में जदयू और लोजपा का कोई जनाधार नहीं था, लेकिन दिल्ली में मामला अलग है।
यहां हमारा गठबंधन मजबूत है और हम सरकार बनाएंगे। ध्यान रहे कि दो महीने पहले ही जदयू और लोजपा दोनों ने झारखंड का चुनाव अलग-अलग लड़ा था। उस समय दोनों दलों ने ही भाजपा से तालमेल करने से इनकार कर दिया था। दोनों दलों ने ज्यादा सीटों की मांग की थी, जिसकी वजह से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं हो पाया था। बिहार में इस साल चुनाव होने हैं और जदयू को गठबंधन में ज्यादा सीट चाहिए होगी, इसलिए पार्टी दिल्ली में भाजपा से महज दो सीट मिलने पर भी संतुष्ट हो गई।
जदयू प्रवक्ता अफजल अब्बास ने कहा कि अगर राजग का गठबंधन झारखंड में हुआ होता तो नतीजे उसके पक्ष में आते। ऐसी परिस्थिति दिल्ली में न हो, इसलिए हम लोग यहां एकजुट हुए हैं। दूसरी ओर, लोजपा का बिहार के बाहर जनाधार नहीं है। झारखंड में अकेले चुनाव लडक़र पार्टी को अपने जनाधार का अंदाजा लग चुका है। ऐसे में पार्टी को सिर्फ बिहार में ही आस है। लोजपा को भी बिहार में ज्यादा सीटें चाहिए। लिहाजा, पार्टी की तरफ से दिल्ली में भाजपा के सामने कोई बड़ी डिमांड नहीं रखी गई।
बीबीसी के शो में कॉलर ने पीएम मोदी की मां के लिए अपमानजनक टिप्पणी की
Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने से पहले शाह, नड्डा ने की मुलाकात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फोर्टिस अस्पताल में कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज ली
Daily Horoscope