नई दिल्ली। राफेल खरीद को लेकर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आए बयान पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने शनिवार को सवाल उठाया। वाम नेता ने कहा कि रद्द किए गए पहले के 126 लड़ाकू जेट विमानों के सौदे और मौजूदा 36 विमानों के सौदों की तुलनात्मक कीमतें क्यों नहीं साझा की गईं। येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, रक्षामंत्री के संवाददाता सम्मेलन में राफेल सौदे को लेकर जो जवाब मिला है, उससे कहीं ज्यादा उस पर सवाल उठ रहे हैं। मोदी सरकार सस्ती दरों पर राफेल विमानों की खरीद का दावा करती है तो फिर दोनों सौदों की तुलनात्मक कीमतें साझा क्यों नहीं करती है? ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राफेल सौदे की घोषणा किए जाने पर सवाल उठाया और पूछा, क्या 2015 में पेरिस में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर मोदी की ओर से घोषणा करने से पहले सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की कोई बैठक हुई थी और उसमें इस फैसले को मंजूरी प्रदान की गई थी? माकपा नेता ने यह भी सवाल उठाया कि 36 जेट विमानों के इस सौदे में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का उपबंध क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि मोदी मेक इन डंडिया का बखान करते हैं, लेकिन फ्रांस से किए गए सौदे में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की कोई बात शामिल नहीं है। उन्होंन कहा, क्या यही मेक इन इंडिया है?
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