नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की मानहानि वाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 5,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया है। दस करोड़ रुपये की मानहानि की मांग वाली अरुण जेटली की नई याचिका पर जवाब दाखिल करने में देरी करने का दोषी पाते हुए कोर्ट ने उनपर यह जुर्माना लगाया है। सुनवाई के दौरान केजरी के वकील की ओर से जेटली के लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्दों पर कोर्ट ने तीन महीने पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल से जवाब मांगा था। इसमें देरी होने पर दूसरी बार जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले 26 जुलाई को भी केजरीवाल पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लग चुका है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेटली के क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने वित्त मंत्री के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इस पर 23 मई को कोर्ट ने मानहानि केस में केजरीवाल से जवाब मांगा था। जवाब नहीं मिलने पर ज्वाइंट रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने 26 जुलाई को केजरी पर 10 हजार जुर्माना लगाया और 2 हफ्ते की मोहलत दी थी। इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सीएम को ये भी ऑर्डर दिए कि वो केस के दौरान जेटली के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल ना करें। इसके बाद कथित तौर पर झूठा हलफनाम देने पर हाईकोर्ट ने केजरीवाल को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने उनसे चार हफ्ते में जवाब मांगा।
जेटली के वकीलों ने कोर्ट से दिल्ली के सीएम के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की मांग की। जेटली से जुड़े मानहानि केस में केजरीवाल ने कोर्ट को दिए हलफनामे में कहा था कि उन्होंने राम जेठमलानी और अपने वकीलों को अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल के लिए नहीं कहा था। हालांकि, केस छोडऩे के बाद जेठमलानी ने केजरीवाल के दावों को झूठा करार दिया और एक लेटर की कॉपी जेटली को भेजकर सच्चाई बताई। आपको बता दें कि अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर डीडीसीए में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर गलत जानकारियां फैलाने का आरोप लगाया था।
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