नई दिल्ली। सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना में दुपहिया वाहनों को छूट देने से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा मना किए जाने के चंद घंटों बाद शनिवार को दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने से मना कर दिया। सरकार ने कहा कि वह सोमवार को ग्रीन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, हम इन शर्तो के साथ इस योजना को लागू नहीं करेंगे। हम दोबारा एनजीटी के पास जाएंगे और उन्हें महिलाओं और दुपहिया वाहनों को छूट देने के लिए कहेंगे। मंत्री गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकती।
साथ ही राज्य सरकार के पास 60 लाख दुपहिया वाहनों की जगह लेने वाले सार्वजनिक परिवहन के तौर पर पर्याप्त बसें और दूसरे विकल्प मौजूद नहीं हैं। गहलोत ने कहा, हम महिलाओं की सुरक्षा और बचाव के साथ समझौता नहीं कर सकते..सरकार इस बारे में एनजीटी के रवैये से चिंतित हैं। एनजीटी खुद मानता है कि दुपहिया वाहनों और छोटी कारों से ज्यादा प्रदूषण नहीं फैलता, फिर भी छूट देने से मना किए जाने का मकसद आम आदमी को परेशान होते देखना है। परेशान होते लोग जब दिल्ली सरकार को कोसेंगे, तब शायद असली मकसद पूरा होगा।
दिल्ली सरकार ने 13 से 17 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू रखने की घोषणा की थी। दरअसल, पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाए जाने से कड़वा धुआं दिल्ली की हवा में घुल जाता है। इस मौसम में ऐसा हर साल होता है। वायु गुणवत्ता बद से बदतर हो जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को नियुक्त किया था।
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