नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के प्रकोप पर चर्चा करने के लिए मीडिया और रेडियो जॉकी से मिलने के बाद शनिवार को आयुष क्षेत्र के प्रतिनिधियों से भी अपने विचार साझा किए। इसे अफवाहों से निपटने के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आयुष के पास वायरस का इलाज होने के निराधार दावे से निपटने और तथ्यों की जांच के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आयुष वैज्ञानिकों, आईसीएमआर, सीएसआईआर और अन्य अनुसंधान संगठनों को साक्ष्य-आधारित शोध के साथ सामने आना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोदी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार इस घातक वायरस के प्रसार का मुकाबला करने के लिए आयुष की प्रैक्टिस करने वाले निजी डॉक्टरों से मदद लेगी।
मोदी ने कहा कि आयुर्वेद में राष्ट्र को स्वस्थ रखने की एक लंबी परंपरा है और कोविड-19 से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों में इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि आयुष दवा निर्माता अपने संसाधनों का उपयोग सेनिटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए कर सकते हैं, इसको ध्यान में रखते हुए कि कोरोना वायरस प्रकोप के बाद ऐसी वस्तुओं की मांग बढ़ गयी है।
मोदी ने इस कठिन समय के दौरान मस्तिष्क को तनाव मुक्त करने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए आयुष मंत्रालय के 'योग एट होम' को बढ़ावा देने और प्रयासों की प्रशंसा की।
केंद्रीय आयुष मंत्री, कैबिनेट सचिव और आयुष मंत्रालय के सचिव भी बातचीत में शामिल हुए।
मोदी ने लोगों की सेवा के लिए लगातार प्रयास करने के लिए आयुष चिकित्सकों को धन्यवाद दिया और कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
--आईएएनएस
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