नई दिल्ली। कोरोना के क्लेश से एशिया की सबसे बड़ी और सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल भी महफूज नहीं रही है। भले ही यहां अभी तक किसी कोरोना पीडि़त की एंट्री न हुई हो, मगर जेल महानिदेशालय ने एहतियातन उठाए गए कदमों में कहीं कोई गुंजाइश बाकी नहीं छोड़ी है। इन्हीं एहतियाती इंतजामात के तहत करीब 18 कैदियों को तिहाड़ सहित दिल्ली की तमाम जेलों में कैद बंदियों से अलग कर दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इनमें करीब 5 देशों के 8 विदेशी कैदी भी हैं। विदेशी कैदियों में भी अलग करके रखे गए सबसे ज्यादा 3 बंदी (कैदी) अफगान मूल के हैं, जबकि अलग रखे गए कैदियों में महिला कैदियों की संख्या 4 है। आइसोलेशन वार्ड में एकांतवास में रखे गए इन 18 कैदियों में 3-4 दिन पहले तक सबसे ज्यादा संख्या करीब 12 अफगानी मूल के विचाराधीन कैदियों की थी। जोकि वक्त गुजरने के साथ अब घटकर तीन ही रह गई है।
इन अफगानी कैदियों को कस्टम विभाग द्वारा गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेजा गया था। इस बारे में आईएएनएस ने बुधवार को दिल्ली जेल के अपर महानिरीक्षक राज कुमार से भी बात की। उन्होंने कहा, हां, यह सही बात है कि, जेल में कोरोना से बचाव के लिए उठाए गए कदमों के तहत एहतियातन कुछ भारतीय और विदेशी कैदियों को आइसोलेशन वार्ड्स में अलग रखा गया है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक भी यह बेहद जरूरी था।
उन्होंने आईएएनएस को आगे बताया कि अभी तक तिहाड़ जेल नंबर 1,2,4 व 5 में कोई भी संदिग्ध कैदी नहीं मिला है। जबकि जेल नंबर 3 में 3 कैदी, जेल नंबर 7 में 5 कैदी, 8-9 नंबर जेल में 3 कैदी और जेल नंबर-10 (रोहिणी जेल) में 1 कैदी को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। इसी तरह मंडोली की जेल नंबर-14 में 1कैदी जबकि यहां स्थित जेल नंबर-16 यानि महिला जेल में 2 महिला कैदियों को भी आइसोलेशन वार्ड में अलग रखा गया है।
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