सुप्रीम कोर्ट के आदेश को साझा करते हुए उन्होंने कहा, भाजपा सरकार द्वारा
अपनाए गए रुख के जवाब में हमारी पार्टी ने तय किया है कि भाजपा को बेनकाब
किया जाए और एससी, एसटी और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों के लिए 16 फरवरी को
प्रदर्शन किया जाए।
वेणुगोपाल ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे पार्टी की
राज्य इकाई के अध्यक्षों की निगरानी और समन्वय में एससी, एसटी और ओबीसी
शाखाओं के संयुक्त बैनर तले धरना या सार्वजनिक सभा या विरोध मार्च आयोजित
करें। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान
यह मुद्दा सदन में उठाया। चौधरी ने कहा, एससी और एसटी समुदाय के साथ सदियों
से भेदभाव होता रहा, लेकिन आजादी के बाद भारत सरकार ने उन्हें अधिकार दिए।
इस सरकार को अब क्या हो गया? यह सरकार आखिर एससी और एसटी के अधिकारों को
छीनने की कोशिश क्यों कर रही है? लेकिन संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी
ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का
फैसला था और इससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं था।
(IANS)
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