नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भारत सरकार के चीन के प्रति रवैया और भारत सरकार की चीन नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2022 का विनाशकारी चीनी कैलेंडर, सौजन्य मोदी सरकार द्वारा 'क्लीन चिट'। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पवन खेड़ा ने बताया कि पीएम मोदी ने मई 2015 में शंघाई में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपने संबंधों का वर्णन इस प्रकार किया था - दो राष्ट्राध्यक्ष ऐसे आत्मीयता, निकटता और साहचर्य के साथ मिल रहे हैं। जो 'प्लस वन' है। वैश्विक संबंधों की पारंपरिक बातों से बेहतर है। और इस 'प्लस वन' दोस्ती को समझने और सराहने में बहुतों को समय लगेगा।
आगे पवन खेड़ा ने कहा कि 3 जनवरी को पूर्वी लद्दाख में एलएसी से लगभग 40 किलोमीटर दूर चीन द्वारा पैंगोंग त्सो पर एक पुल के निर्माण की ताजा उपग्रह छवियां सामने आईं। अरुणाचल प्रदेश के लुंग्टा जोर क्षेत्र में पीएलए ने 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के अंदर से 17 वर्षीय भारतीय, मिराम तरोन का अपहरण कर लिया। भाजपा सांसद तपीर गाओ ने भी ट्वीट किया कि चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क बनाई! 26 जनवरी को पीएलए द्वारा युवा लड़के को भारतीय सेना को सौंप दिया गया था।
आगे पवन खेड़ा ने बताया कि 3 फरवरी को अरुणाचल से भाजपा सांसद तपीर गाओ ने मीडिया को बताया कि मिराम तरोन को पीएलए द्वारा पीटा गया और बिजली के झटके दिए गए। और उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से इस मुद्दे को अधिकारियों के साथ उठाने का आग्रह किया। 13 फरवरी 2022 को मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया) में मोदी सरकार के विदेश मंत्री जयशंकर का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर वर्तमान स्थिति चीन द्वारा सीमा पर बड़े पैमाने पर सैनिकों को नहीं लेने के लिए लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण उत्पन्न हुई है।
विडंबना यह है कि यह वही बयान है जो मोदी सरकार के एअट ने 4 जनवरी, 2023 को (ठीक एक साल बाद!) विएना, ऑस्ट्रिया में दिया था। उन्होंने कहा, 'भारत ने चीन के साथ सीमाओं पर बल जमा नहीं करने और नियंत्रण रेखा को एकतरफा नहीं बदलने के समझौते किए थे, जिसे उन्होंने एकतरफा करने की कोशिश की है और जिसके परिणामस्वरूप यह वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति है।' पूरा एक साल बीत गया लेकिन मोदी सरकार भारत के लिए सीमाओं पर कुछ भी नहीं बदल सकी।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कुछ बातों को रेखांकित करना आवश्यक है:-
:पीएम मोदी ने 2014 के बाद से 18 बार चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की है और हमारे बीच सैन्य स्तर की वार्ता के 17 दौर हो चुके हैं।
:गलवान के बाद से चीनी आयात में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
:चीनी ने पीएम केयर्स फंड में दान दिया और 3560 भारतीय कंपनियों में चीनी निदेशक हैं।
--आईएएनएस
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