नई दिल्ली । कांग्रेस नेता और जी-23
समूह के सदस्य संदीप दीक्षित ने कहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव
हारने के बाद भी जी-23 बैठक के जरिए पार्टी आलाकमान पर कोई दबाव नहीं डाला
गया है। हालांकि, दबाव सिर्फ सही काम करने का होता है।
उनके अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने व्यक्तिगत कारणों से अच्छे नेताओं का सही
उपयोग नहीं किया है जिनके विचार और कार्य पार्टी को मजबूत बनाने के लिए
महत्वपूर्ण हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी हाल ही
में कहा था कि गांधी परिवार को अब पार्टी के नेतृत्व की भूमिका से हट जाना
चाहिए। इस बारे में आईएएनएस से बात करते हुए दीक्षित ने कहा, एक समूह के
प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राय सामने रखने का अधिकार है। मैंने सिब्बल का
बयान पढ़ा है। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने किसी को चुनौती दी है। उनका बयान
समूह के बयान के बारे में नहीं था, क्योंकि हमने ग्रुप का बयान सबके सामने
रखा है।
इस बीच, पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के गुरुवार
को कांग्रेस आलाकमान से मिलने की खबरें आ रही हैं। हालांकि अभी ये पक्के
तौर पर नहीं कहा जा सकता कि उनकी मुलाकात कब होगी।
इसके बारे में
बात करते हुए, दीक्षित ने कहा कि उन्हें बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं
है और वह यह भी पुष्टि नहीं कर सकते कि यह होगी या नहीं।
बीजेपी जहां अगले चुनाव की तैयारी में लगी है वहीं कांग्रेस अपने अंदरूनी कलह से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है।
हालांकि,
अपनी पार्टी की लोकतांत्रिक प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए, दीक्षित ने कहा,
कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, इसलिए ये समस्याएं होती हैं। बाकी के विपरीत
हमारी पार्टी में लोकतंत्र है। हम हमेशा यहां सवाल उठाते हैं, जो अन्य
पार्टियों में संभव नहीं है। क्या ऐसा है? इसलिए, उन समूहों के भीतर संघर्ष
होना आम बात है जहां अलग-अलग लोग अलग-अलग ²ष्टिकोण रखते हैं।
बुधवार को गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस के जी-23 समूह ने गांधी परिवार के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा की।
बाद
में जी-23 नेताओं द्वारा एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया, हम मानते
हैं कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सामूहिक और समावेशी
नेतृत्व और सभी स्तरों पर निर्णय लेने का एक मॉडल अपनाना है। यह कांग्रेस
पार्टी को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। हम मांग करते हैं कि कांग्रेस 2024
में एक विश्वसनीय विकल्प का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच बनाने के
लिए समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करे।
दीक्षित के
अनुसार, जी-23 एक ऐसा समूह है जो कांग्रेस पार्टी की परवाह करता है और
अपने स्वार्थों की पूर्ति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पार्टी में अधिक
समय लगाता है।
उन्होंने कहा, हालांकि हमारी वर्तमान स्थिति बहुत
सुखद नहीं है और हम पिछले कुछ वर्षों में कमजोर हो गए हैं, हमें यहां अपनी
जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि लोगों की मानसिकता अब बदल
गई है।
--आईएएनएस
लोकसभा चुनाव 2024: 3 बजे तक बिहार में 39.73%,J&K में 57.09% मतदान दर्ज,सबसे अधिक त्रिपुरा में 68.35% मतदान
त्वरित विश्लेषण - राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस में क्या कांटे की टक्कर है या बीजेपी को बढ़त मिल रही है...यहां पढ़िए
लोकसभा चुनाव 2024 : पहले चरण में इन दिग्गज नेताओं की दांव पर किस्मत
Daily Horoscope