नई दिल्ली। कांग्रेस ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से अपने आप को अलग कर लें। क्योंकि वेतत्कालीन वित्त सचिव के तौर पर इस वार्ता का हिस्सा थे। कांग्रेस ने यह भी कहा कि महर्षि द्वारा संसद में राफेल पर रिपोर्ट पेश करना अनुचित सिद्ध होगा। सोमवार को संसद में विवादित राफेल करार पर सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने की प्रबल संभावना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 36 राफेल विमानों की खरीद में राष्ट्रहित और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था। सीएजी का संवैधानिक और वैधानिक कर्तव्य है कि वह राफेल करार सहित सभी रक्षा अनुबंधों का सही ऑडिट करे। स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव के कारण आपके द्वारा 36 राफेल विमान करार का ऑडिट करना सरासर गलत होगा।
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