नई दिल्ली। प्रमोशन में आरक्षण के मसले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर आज संसद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सहित अनेक दलों ने हमलावर रूख अपना लिया। इसके बाद लोकसभा दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। आपको बताते जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए कोटा या आरक्षण की मांग करना मौलिक अधिकार नहीं है। सरकारी सेवा में कुछ समुदायों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने का आंकड़ा सामने लाए बिना राज्य सरकारों को ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि उन्हें प्रमोशन में आरक्षण देना है या नहीं? कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की अपील पर यह टिप्पणी की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संसद के बाहर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया, इसके बाद अध्यक्ष ओम बिड़ला और सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि मामले को शून्यकाल के दौरान उठाया जाएगा।
मामले को उठाते हुए कांग्रेस के नेता चौधरी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर दलितों के सशक्तिकरण के लिए मुहैया कराए गए एक महत्वपूर्ण उपकरण को एक 'बड़ी क्षति' पहुंचाने के लिए उकसाने का काम करने का आरोप लगाया और सरकार से मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।
लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता को प्रश्नकाल के दौरान मामले को उठाने से रोका और कहा कि आपको सदन की कार्यवाही को इस तरह से बाधित नहीं करना चाहिए। आप शून्यकाल में इस मामले को उठा सकते हैं। सरकार आपके सवाल का जवाब देगी।"
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