नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने सोमवार को उच्च न्यायालय को बताया कि वह मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाएगी, बशर्ते वह समिति के समक्ष पेश हों। न्यायालय मुख्य सचिव के समिति के समक्ष पेश न होने पर उन्हें भेजे गए विशेषाधिकार हनन नोटिस मामले में मुख्य सचिव की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। दिल्ली विधानसभा के वकील ने कहा कि अगर प्रकाश समिति के समक्ष पेश हो जाते हैं तो उनके खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने मामले की सुनवाई 11 अप्रैल के लिए मुकर्रर कर दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रकाश को 21 फरवरी को दिल्ली विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति ने बुलाया था, लेकिन वह समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद समिति ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा था। पिछले हफ्ते, प्रकाश ने उच्च न्यायालय में समिति की कार्रवाई को चुनौती दी थी। समिति ने आरोप लगाया था कि प्रकाश ने उच्च न्यायालय में शपथ लेकर झूठ बोला।
इससे पहले 20 फरवरी को, मुख्य सचिव ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने उन्हें पीटा। प्रकाश के वकील ने अदालत से कहा कि जिन 11 विधायकों की उपस्थिति में मुख्य सचिव को कथित रूप से पीटा गया, उनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य की पहचान अभी बाकी है और वे विधानसभा समिति का हिस्सा हो सकते हैं। इसी वजह से मुख्य सचिव समिति के समक्ष पेश नहीं हुए।
--आईएएनएस
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