नई दिल्ली। चीन स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, चीन ने 'जरूरत के आधार पर' अपने विभिन्न विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की वापसी की अनुमति दी है। दूतावास के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर की 25 मार्च को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक के बाद चीनी पक्ष ने जरूरत-आकलन के आधार पर भारतीय छात्रों की चीन वापसी की सुविधा पर विचार करने की इच्छा जताई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसे सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय दूतावास ऐसे छात्रों की एक सूची तैयार करने का इरादा रखता है, जिन्हें उनके विचार के लिए चीनी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा।
दूतावास ने एक फॉर्म निकाला है और भारतीय छात्रों से अनुरोध किया है कि वे अपनी जरूरत का हवाला देते हुए इसे भरें।
एक बार जब एकत्रित जानकारी चीनी पक्ष के साथ साझा की जाती है, तो यह सूची को सत्यापित करने के लिए संबंधित चीनी विभागों और विश्वविद्यालयों से परामर्श करेगा और यह इंगित करेगा कि क्या पहचाने गए छात्र पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं।
यह समन्वय प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से की जाएगी।
चीनी पक्ष ने यह भी सूचित किया है कि पात्र छात्रों को बिना शर्त कोविड-19 रोकथाम उपायों का पालन करना चाहिए और कोविड-19 की रोकथाम के उपायों से संबंधित सभी खर्चो को स्वयं वहन करने के लिए सहमत होना चाहिए।
23,000 से अधिक भारतीय छात्र मुख्य रूप से दवाओं का अध्ययन कर रहे हैं। कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत चीन द्वारा कोविड-19 वीजा और उड़ान पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण वे घर वापस आ रहे हैं।
--आईएएनएस
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