आपको बताते जाए कि विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर हार्ड
लैंडिंग की थी, इसके चलते उसका कुछ हिस्सा प्रभावित हो गया था। नासा के
ऑर्बिटर में लगे हाई रिजॉलूशन कैमरे ने पिछले दिनों अपोलो 11 की लैंडिंग
साइट की तस्वीरें भेजी थीं। ये तस्वीरें काफी स्पष्ट थीं और 40 साल पहले
चांद पर मनुष्य की लैंडिंग के फुटप्रिंट्स तक को दर्शा रही थीं। हाल ही में
इसी साल क्रैश हुए इजरायली स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें भी नासा के ऑर्बिटर
ने जारी की थीं।
नासा का ऑर्बिटर 17 सितंबर यानी मंगलवार को विक्रम
की लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरेगा। नासा की नीति की मुताबिक उसके ऑर्बिटर
का डेटा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होता है। ऑर्बिटन विक्रम लैंडर की साइट
से ऊपर से गुजरेगा तो उसकी तस्वीरें जारी करेगा।
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