इसरो के पूर्व प्रमुख ने बताया कि यह पूरा कार्य 16
मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा। पूरे
देश की नजर इसकी ओर है। राधाकृष्णन 2009 में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के
प्रमुख बने और प्रथम चंद्रयान मिशन के एक साल बाद 2014 तक इस पद पर बने
रहे।
उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से भारत की
परिकल्पना, डिजाइन, विनिर्माण का करने और आरंभ से अंत तक की प्रक्रिया के
आधार पर जलिट व अत्यंत उन्न प्रौद्योगिकी को काम में लाने की क्षमा
प्रतिपादित होती है।
(आईएएनएस)
पीएम मोदी के खिलाफ हमले में जनादेश की वैधता को नजरअंदाज कर रहा पश्चिमी मीडिया का एक वर्ग
नौकरियों के आंकड़े पिछले 6.5 वर्षों में लगातार वृद्धि, बेरोजगारी दर में गिरावट दिखाते हैं
यूपी के मुरादाबाद से भाजपा प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह का निधन, सीएम योगी ने जताया दुख
Daily Horoscope