नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने माना है कि लड़कों के खिलाफ
यौन अपराधों की अनदेखी हुई है। मंत्रालय इस मुद्दे को लेकर एक अध्ययन
कराएगा। केंद्र सरकार लड़की और लड़कों के खिलाफ यौन अपराधों को एक नजर से
देखने के लिए पॉक्सो कानून में बदलाव करने की योजना बना रही है। महिला एवं
बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि कुकर्म पीड़ित लड़कों को भी न्याय दिलाने के
लिए पॉक्साे कानून में संशोधन कर इसे जेंडर न्यूट्रल बनाया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार
12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा का
प्रावधान वाला अध्यादेश पहले ही जारी कर चुकी है। महिला और बाल विकास
मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि एक्ट में मुआवजे के नियमों में बदलाव करने पर
आम राय बन गई है। जिससे कि कुकर्म से पीड़ित बच्चों को भी मुआवजा मिल सके।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इसके लिए सिफारिश की है।
राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद ने 22 अप्रैल को पॉक्सो एक्ट में संशोधन के साथ ही क्रिमिनल
लॉ (संशोधन) अध्यादेश-2018 पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद से यह अध्यादेश
लागू है। इसमें 12 साल तक की बच्चियों के दुष्कर्मियों को फांसी की सजा का
देने का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope