नई दिल्ली। मेडिकल कॉलेजों में दाखिलेे के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम
एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) का आयोजन अब साल में एक बार ही होगा। स्वास्थ्य
मंत्रालय की सिफारिश के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने परीक्षा साल में
दो बार और सिर्फ ऑनलाइन मोड से कराने का फैसला बदल दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको
बता दें कि जुलाई के महीने में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
ने कई परीक्षाओं में फेरबदल की घोषणा की थी। नवगठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
(एनटीए) साल में दो बार राष्ट्रीय योग्यता सह-प्रवेश परीक्षा के साथ ही
इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य का
आयोजन करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि एनटीए द्वारा ली जाने वाली
सारी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी।
लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय
ने एचआरडी मंत्रालय को पत्र लिखकर साल नीट की परीक्षा साल में दो बार कराने
को लेकर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम से
छात्रों पर ज्यादा दबाव बन सकता है। इसके साथ ही ग्रामीण छात्रों को ऑनलाइन
एग्जाम देने में असुविधा का सामना भी करना पड़ सकता है।
नेशनल
टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। एनटीए के
अनुसार यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन 9 से 23 दिसंबर के बीच होगी, जबकि
जेईई मेंस-1 की परीक्षा 6 जनवरी से 20 जनवरी 2019 के बीच, जेईई मेंस-2 की
परीक्षा 6 अप्रैल से 20 अप्रैल 2019 के बीच और नीट की परीक्षा 5 मई को
होगी।
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