नई दिल्ली । लोकसभा में कृषि कानून को
लेकर चौथे दिन भी गतिरोध जारी रहा, जिसपर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा
कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा, क्योंकि सरकार इस मामले पर अलग से
चर्चा करने के लिए तैयार है।
मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के साथ समझौता हुआ है और इसकी
कार्यवाही अब सुचारू रूप से चल रही है। 'मुझे विश्वास है कि लोकसभा के लिए
भी इसी तरह की समझ विकसित की जाएगी।' ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि सरकार तीन
कृषि कानूनों से संबंधित अपने मुद्दों को हल करने के लिए किसानों के साथ
विचार-विमर्श करने के लिए भी तैयार है।
मंत्री ने संसद परिसर के
अंदर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार सदन और दिल्ली दोनों सीमाओं पर
गतिरोध को तोड़ने के लिए उत्सुक है, जहां हजारों किसान इन कानूनों का विरोध
कर रहे हैं।
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को भी
निचले सदन में व्यवधान समाप्त नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने यह बयान दिया।
हालांकि पूरा विपक्ष किसान आंदोलन को लेकर सरकार के आश्वासन से असंतुष्ट
दिखा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना भी कृषि कानूनों के विरोध में हैं।
विपक्षी दल इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है और इसे 'काला कानून' और 'किसान विरोधी कानून' करार दे रहे हैं।
विपक्षी
दलों ने गुरुवार शाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ एक अलग बैठक की,
जिसमें उन्होंने हजारों किसानों की दुर्दशा देखते हुए कृषि कानूनों के
मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करने का अनुरोध किया।
--आईएएनएस
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